१० अप्रैल २०१७ को लोकसभा ने मोटर वाहन अधियम (संशोधन) २०१७ को पारित कर दिया था। यह बिल को लोकसभा में अगस्त २१६ में प्रस्तुत किया गया था ताकि होने वाली सड़क घटनाए और मौत को कम किया जा सके। इस बिल को लाने का मुख्य कारण सड़क व्यव्य्स्था जो दुर्घटनाएँ रोक नहीं पा रही है उसे रोक सके। एक और मुख्य कारण यह भी था की लोग नियमो का पालन नहीं कर रहे और नियमो और जुर्माने को और सख्त करने की आवश्यकता है।मोटर वाहन अधिनियम (संशोधन) २०१७ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट से अगस्त २०१७ में स्वीकृत्ति मिल चुकी है।भारत में हर मिनट एक बड़ी और चिंताजनक दुर्घटना होती है और हर घंटे १६ लोगो की मौत हो जाती है। करीबन २० बच्चे १४ साल से काम उम्र के उनकी मौत हो जाती है हर दिन सड़क दुर्घटनाओं के कारण। सड़क दुर्घटना से होने वाली मौत की २०१५-२०१६ में ३% से बढ़ोतरी हुई है।
- वाहनों का पंजीकरण और चालक को लाइसेंस बनवाने के लिए अब आधार कार्ड अनिवार्य है।
- इन संशोधन को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री के द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत किया गया।
- इन संशोधनों में सबसे बड़ा एक संशोधन 'हिट एंड रन' के मामले में किया गया है। जहाँ 'हिट एंड रन' के मामलो में मुआवज़ा २५००० रुपये था, उसे अब बढ़ा कर २ लाख रुपये कर दिया गया है।
- मोटर वाहन अधियम १९९८ में थर्ड पार्टी को बीमा की कोई सीमा नहीं दी गयी थी लेकिन इस संशोधन के तहत मौत के मामले में १० लाख रूपये और गंभीर चोट के मामले में ५ लाख रूपये से ज़्यादा नहीं होगा।
- इस बिल के आने के बाद इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग जैसे टेक्नोलॉजी का भी प्रयोग किया जायेगा ताकि जो लोग नियमो को तोड़ रहे है और अपराध कर रहे है उन्हें सजा दी जाए।
यह बिल अभी तक पारित नहीं किया गया है उसकी मुख्य वजह यह है की विपक्ष की पार्टी का कहना है कि आधार कार्ड को ज़रूरी नहीं कर सकते क्यूंकि आधार में बहुत कमियाँ है जिसकी वजह से हम उसे अनिवार्य नहीं कर सकते। नए प्रावधान के आने से पब्लिक वाहन सेक्टर प्राइवेट सेक्टर के लिए खुल जाएगा और कर विभाग पर भी प्राइवेट सेक्टर का पूरा नियंत्रण होगा। अगर यात्रा के सभी वाहनों का नियंत्रण प्राइवेट सेक्टर से होगा तो सरकार यात्रा के शुक्लो को कम नहीं कर पाएगी जो लोगो के लिए बहुत हानीकारक साबित हो सकता है।
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